युगेंद्र पवार ने चुनाव प्रक्रिया पर संदेह जताया है. उन्हें बारामती सीट से हार का सामना करना पड़ा. इसके खिलाफ उन्होंने वोट सत्यापन के लिए आवेदन दाखिल किया है. (Ajit pawar vs Yogendra pawar)
बारामती विधानसभा क्षेत्र में चाचा बनाम भतीजे की लड़ाई थी. इस लड़ाई में उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने भारी मतों के अंतर से जीत हासिल की. उनके खिलाफ खड़े उनके बड़े भतीजे युगेंद्र पवार हार गये हैं. जनता से मिले समर्थन और महाविकास अघाड़ी की हार के बाद महाविकास अघाड़ी को चुनाव प्रक्रिया पर संदेह हो रहा है.
युगेंद्र पवार द्वारा वोट सत्यापन के लिए आवेदन दाखिल किया गया
इसी के तहत उन्होंने बारामती विधानसभा क्षेत्र से उपमुख्यमंत्री अजीत पवार के खिलाफ खड़े हुए अपने बड़े भतीजे युगेंद्र पवार की हार के बाद वोट सत्यापन के लिए आवेदन दायर किया है, जिसने महाराष्ट्र के साथ-साथ पूरे देश का ध्यान खींचा है।
युगेंद्र पवार का धन्यवाद दौरा
एनसीपी शरद चंद्र पवार की पार्टी के युवा नेता युगेंद्र पवार ने आज से बारामती तालुक में धन्यवाद यात्रा शुरू की है. इस धन्यवाद यात्रा के दौरान बोलते हुए युगेंद्र पवार ने कहा कि पूरे महाराष्ट्र में संदेह और भ्रम का माहौल पैदा हो गया है. अगर बारामती तक ही सीमित रखा जाए तो यह एक अलग कहानी थी।
पारंपरिक निर्वाचन क्षेत्रों में इतनी मेहनत करने के बावजूद दिग्गज नेता कैसे हार गए? -युगेंद्र पवार
लेकिन जो राज्य में बड़े दिग्गज हैं. वह एक ऐसे नेता हैं जो कभी नहीं हारते।’ वहां उनकी हार हुई है. पारंपरिक निर्वाचन क्षेत्र में इतना काम करने के बावजूद उन्हें निर्वाचित नहीं किया गया। ऐसा क्यों हुआ..? कोर्ट ने हमें जो शक्ति दी है, वह यह है कि निर्वाचन क्षेत्र के पांच फीसदी बूथों की दोबारा जांच करायी जा सकती है. तो हमें उस अधिकार का उपयोग क्यों नहीं करना चाहिए, युगेंद्र पवार ने इस समय कहा।
हम जनता के पास जाएंगे- युगेंद्र पवार
पांच साल बाद फिर विधानसभा आएगी। उन्हें इतना बहुमत मिला है. महाराष्ट्र के इतिहास में इतना बहुमत किसी को नहीं मिला, जितना अब महायुति को मिला है. उन्होंने इस मौके पर यह भी कहा कि हम कल-कारखानों, पंचायत समिति, जिला परिषद के चुनाव में जनता के बीच जाएंगे.